
स्त्री सौंदर्य में ब्रेस्ट यानि स्तनों का विशेष महत्व है। सुंदर नारी भी उन्नत स्तनों के अभाव में सुंदर नहीं कही जा सकती। उन्नत स्तनों वाली स्त्री विशेष रूप से आकर्षक दिखती है। शादी से पूर्व अथवा शादी के बाद भी कुछ महिलाओं को स्तनों के आकार से परेशानी रहती है। ब्रेस्ट पूर्ण विकसित न होने से या ब्रेस्ट छोटे-बड़े होने से हीन-भावना घर कर जाती है। किसी भी महिला के लिए यह उलझनपूर्ण स्थिति हो सकती है।
सुडौल व उन्नत वक्ष आपके सौन्दर्य में चार-चाँद लगा सकते है. इस बात में कोई दोराय नहीं है कि सुन्दर एवम् सुडौल वक्ष प्रकृति की देन है परन्तु फिर भी उनकी उचित देखभाल से इन्हें सुडौल व गठित बनाया जा सकता है. इसके लिए सामान्य सरल व्यायाम या उपाय से सुन्दर और सुडौल बनया जा सकता है इसके लिए कुछ उपाय प्रस्तुत हैं –
छोटे वक्ष वाली भुजा सामने की ओर फैलाते हुए सिर के ऊपर से ले जाकर लगभग दस बार घुमायें, फिर विपरीत दिशा में लगभग दस बार दुहरा कर व्यायाम पूरा कीजिए।
योगासनों द्वारा ब्रेस्ट -सौन्दर्य विशेष रूप से भुजंगासन द्वारा ब्रेस्ट की सुन्दरता बढ़ायी जा सकती है।
- सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाए और दोनों हाथों को सामने लाकर हथेलियों को आपस में मिलाकर पुरे बल से आपस में दबाएँ जिससे स्तनों की मांसपेशियों में खिंचाव होगा. फिर इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपनी हथेलियों को ढीला कर दें. इस प्रक्रिया को नियमित रूप से 10 से 15 बार करे. ( वक्षों को नहीं दबाना है )
- इसके अलावा दोनों हाथों को सामने की ओर फैलाते हुए हथेलियों को दिवार से सटाकर पांच मिनट तक दीवारे पर दबाव डालें. ऐसा करने से वक्ष की मांसपेशियों में खिचांव होगा, जिससे वक्ष पुष्ट हो जायंगे.
- घुटनों के बल चौपाया बन जाए, फिर दोनों कोहनियों को थोडा-सा मोड़ते हुए शारीर के उपरी भाग को निचे की ओर झुकाएं. अपने शरीर का पूरा भार निचे की ओर डाले. तथा पुनः प्रथम अवस्था में आ जाए. इस व्यायाम को 6 से 8 बार दोहराएँ.
- प्रात: काल की शुद्ध हवा में सीधी खड़ी होइये। फिर अपने दोनों हाथ ग्रीवा के पीछे बांधकर उंगलियां आपस में फंसा लीजिए। इसके बाद कुहनियों को आगे-पीछे धीरे से आरंभ करके तेजी ले आइये। यह व्यायाम नित्य पांच मिनट तक करना चाहिए। इससे वक्ष विकसित हो जाते हैं।
ब्रेस्ट बढ़ाने के लिए व्यायाम
बच्चा होने के बाद ब्रेस्ट -सौन्दर्य के लिए सर्वाधिक देखभाल करनी पड़ती है। इस अवस्था में सरल व्यायाम अवश्य करने चाहिए। वक्ष-सौन्दर्य के लिए ‘पाम प्रेसिंग” एक सरल व्यायाम है। घुटनों के बल बैठ कर हाथों को सामने लाते हुए दोनों हाथों की हथेलियाँ परस्पर पूरे बल से दबाइए, जिससे वक्ष की माँसपेशियों पर दबाव महसूस हो। फिर धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए हथेलियाँ ढीली कर दें। इस व्यायाम को नित्य लगभग दस-पन्द्रह बार दोहराना चाहिए। वक्ष को पुष्ट रखने के लिए एक अन्य सरल व्यायाम इस प्रकार है- दोनों हाथ सामने फैलाते हुए हथेलियों से दीवार पर लगभग पाँच मिनट दबाब डालें, जिससे ब्रेस्ट की शिराओं पर खिंचाव महसूस होने लगे।
प्रतिदिन लगभग पाँच से दस मिनट तक वक्षस्थल को गरम व ठण्ड स्नान कराने से वक्ष में रक्त-प्रवाह तीव्र होने लगता है। पहले वक्षस्थल पर गरम पानी डालें, फिर ठण्डे पानी के छींटे मारें। इस क्रिया को चार-पाँच बार दुहराएँ। ब्रेस्ट पुष्ट बनाये रखने के लिए एक सरल व्यायाम इस प्रकार है। बाँहें कमर के साथ सीधी रखते हुए सीधी खड़ी हो जायें। बारी-बारी बाँहों के दोनों ओर सिर के ऊपर ले जाते हुए लगभग दस से पन्द्रह बार घुमायें।
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